’आत्मनिर्भर जैन ’’योजना
मान्यवर,
श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, नई दिल्ली जैन समाज के साधर्मी भाई व बहनों के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। अपने अस्तित्व के 127 वर्षो के अद्धितीय इतिहास में महासभा द्वारा अनेकानेक समाज कल्याण के कार्यक्रम किए गए हैं और इसमें समाज के सहयोग से हमें अपार सफलता भी मिली है।
इसी संदर्भ में महासभा एक नई पहल करते हुये अपने जैन समाज के साधर्मी भाई व बहनों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए ’’आत्मनिर्भर जैन’’ योजना प्रारंभ कर रही है। योजना का उददेश्य आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर जैन समाज केे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मजबूत बनाना है।
’’आत्मनिर्भर जैन’’ योजना के बारे में विस्तृत जानकारी, आवेदन पत्र तथा फार्म के लिये आवेदनकत्र्ता अपने क्षेत्र के दिगम्बर जैन महासभा के कार्यालय एवं महासभा के वेबसाइट से सम्पर्क करें।
इस योजना के प्रथम चरण में रू0 20,000/- (बीस हजार रुपये) का ऋण कुटीर/लघु उद्योग/स्वाबलम्बन उधोग शुरू करने के लिए महासभा की ओर से सुलभ कराई जायेगी।
महासभा द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की विधवा, तलाकशुदा, विकलांग, हिंसा से पीड़ित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
पहले वर्ष का व्याज नही लगेगा। एक वर्ष के बाद व्याज बैंक दर से महासभा के कार्यालय में जमा करना होगा।
आर्थिक स्थिति में सुधार होने पर मूल धन महासभा के कार्यालय में जमा करना आवश्यक है जिससे इस योजना का लाभ दूसरे जरूरतमंद साधर्मी को मिल सके।
आशा है, दयनीय आर्थिक स्थिति वाले साधर्मी महासभा के निकटतम क्षेत्रीय कार्यालय से सम्पर्क कर ’’आत्मनिर्भर जैन’’ योजना का लाभ उठायेंगे।
नोटः- आत्मनिर्भर जैन योजना के इच्छुक लाभार्थी अपने आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र (इसे अपने जिले के अध्यक्ष, महामंत्री से सत्यापित करवाएं)की फोटोस्टेट काॅपी, बैंक खाते का विवरण तथा पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ की प्रति अवश्य संलग्न करें।